खूब जमा अखिल भारतीय ब्रजभाषा कवि सम्मेलन,

खूब जमा अखिल भारतीय ब्रजभाषा कवि सम्मेलन,कान्हा की लीलाओं पर केन्द्रित काव्य रसों की बरसात में रह-रहकर नहाते रहे श्रोता,

ब्रज भासा क्वी सम्मेलन

कान्हा की लीलाओं पर केन्द्रित काव्य रसों की बरसात में रह-रहकर नहाते रहे श्रोता,

मारवाड़ में गूंजा ब्रज माधुर्य का सुमधुर गान,

मशहूर हस्तियों ने कराया ब्रज के लोक रंगों का मनभावन अहसास,

‘रंगीलौ रंग डारि गयो री…’ की गूंज से साकार हो उठा फागुन

जोधपुर, 25 फरवरी/ राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर एवं ब्रज मण्डल समाज, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार रात लघु उद्योग भारती भवन में आयोजित अखिल भारतीय ब्रजभाषा कवि सम्मेलन ‘रंगीलो रंग डारि गयो री…’ ने ख़ासा रंग जमाया।
इसमें ब्रज भाषा काव्य जगत की मशहूर हस्तियों ने प्रेम, भक्ति और श्रृंगार रसों से भरपूर रचनाओं का रसास्वादन कराते हुए रसिकों को कान्हों के लीला रस समन्दर में गोते लगाने को विवश कर दिया। कवि सम्मेलन का लुत्फ उठाने बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उमड़े और दिव्य प्रेम, श्रृंगार, भक्ति और अध्यात्म से लेकर कान्हा की जीवन लीलाओं पर प्रस्तुत भावपूर्ण रचनाओं का खूब आनंद लिया।
कवि सम्मेलन में कान्हा के आवाहन से लेकर फागुनी रंगों की मस्ती भरी नन्दलाल की होली के दृश्यों पर प्रस्तुत रचनाओं पर श्रोता समुदाय द्वापरयुगीन होली के उल्लास में डूबता-उतराता रहा।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री रमेश बोराणा ने सरस्वती प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।
कवि सम्मेलन में श्री श्यामसुन्दर अकिंचन (मथुरा), श्री ब्रजेन्द्र चकोर(धौलपुर), श्री विट्ठल पारीक(कामां, भरतपुर), श्री भूपेन्द्र भरतपुरी (जयपुर), श्री सुनहरीलाल तुरन्त(दिल्ली), डॉ. रुचि चतुर्वेदी(आगरा), डॉ. सुशीला शील(जयपुर) एवं श्री सुनील सरल(डीग) ने ब्रज भाषा में विविध रसों में अपनी प्रतिनिधि काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर ख़ासा समा बाँधते हुए फागुनी रस-रंगों और कान्हा की भक्ति के मयूरपंखी आनंद के अवर्णनीय सुकून से नहला दिया।
कवि सम्मेलन का संचालन श्री भूपेन्द्र भरतपुरी ने किया।
डॉ. रुचि चतुर्वेदी(आगरा) द्वारा प्रस्तुत सुमधुर सरस्वती वन्दना से शुरू हुए कवि सम्मेलन में ब्रज भाषा काव्य जगत में सुप्रसिद्ध कवियों एवं कवयित्रियों ने होरी गीत, कान्हा और फागुनी रास, सर्वत्र प्रेम की गंगा बहाने, बरसाने की होरी, रसिया संवाद सहित कान्हा की प्रेमा भक्ति आदि से जुड़ी रचनाओं के जरिये श्रीकृष्ण भक्ति के साथ ही प्रेम, श्रृंगार और आनंद का समन्दर लहरा दिया।

अतिथियों व विशिष्टजनों का अभिनन्दन
श्री बोराणा ने राजस्थान ब्रजभाषा साहित्य अकादमी, जयपुर के सचिव श्री गोपाललाल गुप्ता, अकादमी के पर्यवेक्षक श्री वरुण चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री गुलाब बत्रा, जाने-माने साहित्य चिन्तक श्री मीठेश निर्मोही, कार्यक्रम संयोजक एवं अकादमी सदस्य श्री अनिल गोयल, ब्रज मण्डल साज, जोधपुर के संयोजक श्री गोविन्द खण्डेलवाल सहित अकादमी एवं ब्रज मण्डल के पदाधिकारियों को माला, शाल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।

इन्होंने किया कवियों और अतिथियों का स्वागत
आयोजकों की ओर से प्राधिकरण उपाध्यक्ष श्री रमेश बोराणा, देश के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों एवं कवयित्रियों तथा अतिथियों का श्री गोविन्द खण्डेलवाल, श्री सीताराम, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. एस.पी. शर्मा, श्री ए.एन. दीक्षित, श्री भूपेन्द्र गुप्ता, श्री संजीव गुप्ता, श्री अनिल गोयल, डॉ. अखिलेश गुप्ता, श्री सत्यम कर्दम, श्री कमल गुप्ता, श्रीमती वन्दना, श्रीमती अनिता, श्रीमती हर्ष कुमारी, श्रीमती रेखा गुप्ता, श्रीमती वीरा अरोड़ा आदि ने अतिथियों और कवियों का माला, शॉल एवं स्मृति चिह्न से स्वागत अभिनंदन किया।
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