’मन की बात’ सकारात्मकता और जन सहभागिता का उत्सव- प्रधानमंत्री
राजभवन में मन की बात के 100वें संस्करण की विशेष स्क्रीनिंग हुई आयोजित
राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा ’मन की बात’ – राज्यपाल
राजभवन में केन्द्रीय संचार ब्यूरो द्वारा मन की बात पर प्रदर्शनी आयोजन
जयपुर, 30 अप्रैल 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनूठी और क्रांतिकारी पहल, मन की बात का 100वां संस्करण आज प्रसारित किया गया। ’मन की बात’ कार्यक्रम की सौवीं कड़ी की रविवार को प्रसार भारती द्वारा राजभवन में विशेष स्क्रीनिंग रखी गई। कार्यक्रम में कला, संस्कृति, चिकित्सा, खेल, उद्यमिता आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम सकारात्मकता और जन सहभागिता का उत्सव है, जो समाज में बदलाव लाने वाले प्रयासों को सामने लाकर दूसरों के गुणों से सीखने की प्रेरणा देने का कार्य कर रहा है।
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने प्रसारण के बाद उपस्थित गणमान्यजन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ऐसी ऐतिहासिक और अनूठी पहल है, जिसमें नागरिकों से प्रधानमंत्री का सीधा संवाद होता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम लोगों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है, यही इसकी सफलता और सार्थकता है। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम देश में हो रही प्रगति से तो अवगत कराता ही है, साथ ही उन लोगों के जीवन को भी सामने लाता है जो समाज के लिए कुछ अनूठा और महत्वपूर्ण कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग, पर्व, उद्यम, भाषा, परम्परा, खान-पान सहित अनेक विषयों को अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से छुआ है। उन्होंने इसी कार्यक्रम के माध्यम से देश में स्वच्छता, वोकल फॉर लोकल, खादी को अपनाने का आह्वान किया। स्टार्टअप्स का सशक्त तंत्र विकसित करने के लिए युवाओं को जागरुक करने, योग की संस्कृति के प्रसार, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने में भी इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम की पिछली कड़ियों को सौ करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार सुना है। करीब 23 करोड़ लोग इसे नियमित रूप से सुनते हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी प्रसारण होने के बाद से इस कार्यक्रम को निरंतर सुनते रहे हैं।
सौवीं कड़ी के प्रसारण के बाद कार्यक्रम की पिछली कड़ियों में शामिल रहे श्री मोहम्मद असलम ने बताया कि किसानों को मंडी भाव बताने के लिए उन्होंने जो एप बनाया उसका जिक्र प्रधानमंत्री जी ने ‘मन की बात’ में किया। गारमेण्ट क्षेत्र से जुड़े श्री सेठा सिंह रावत ने बताया कि कोविड काल में मास्क की कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने दर्जी ऑनलाइन के माध्यम से काम किया। प्रधानमंत्री जी ने इस प्रयास को अपने कार्यक्रम में जगह दी। सुल्तान बावड़ी की सफाई का बीड़ा उठाने वाले श्री सुनील सत्यनारायण, बुनकरों के लिए काम करने वाली हस्तकला विशेषज्ञ सुश्री रुमा देवी, पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे पद्म श्री लक्ष्मण सिंह, प्रख्यात सितार वादक श्री विश्व मोहन भट्ट ने भी कार्यक्रम के बाद अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में पैरालिम्पियन श्री देवेन्द्र झाझड़िया, निशानेबाज सुश्री अवनि लेखरा , गायक श्री रवीन्द्र उपाध्याय, गजल गायक श्री अहमद हुसैन एवं श्री मोहम्मद हुसैन ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अक्टूम्बर 2014 में आमजन से जुड़ने के अभिनव प्रयास मन की बात रेड़ियो कार्यक्रम के 100 वें एपिसोड़ के प्रसारण के उपलक्ष्य में रविवार को मन की बात ,आजादी के अमृत महोत्सव और केन्द्र सरकार की नौ साल की उपलब्धियों पर आधारित मल्टीमीडिया डिजिटल प्रदर्शनी सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केन्द्रीय संचार ब्यूरो , जयपुर की ओर से राजभवन में लगाई गई। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने इस प्रदर्शनी का दीप प्रज्जवलित कर एवं फीता काटकर उदघाटन किया तथा प्रदर्षनी का अवलोकन कर इसे सराहा।
प्रदर्शनी में मन की बात कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न आयाम जैसे आत्मनिर्भर भारत, हमारी विरासत हमारा गौरव, आत्मनिर्भर भारत, नारी शक्ति, स्वच्छ भारत, अन्नदाता, स्वास्थ्य के लिए योग, पर्यावरण संरक्षण, निस्वार्थ सेवा, डिजिटल इंडिया, फिट इंडिया के अलावा राजस्थान के मन की बात से जुड़े लोगों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का एक अन्य आकर्षण मन की बात बूथ रहा जहां मन की बात विशेषकर राजस्थान से जुड़े संस्करणों को आगन्तुको द्वारा सुना गया।
’मन की बात’ कार्यक्रम ईश्वर रूपी जनता जनार्दन तक आध्यात्मिक यात्रा- प्रधानमंत्री
इससे पहले, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ’मन की बात’ की इस विशेष कड़ी में देशवासियों से संवाद करते हुए कहा कि 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के दिन से ’मन की बात’ कार्यक्रम की यह यात्रा शुरू हुई । उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें कभी भी आमजन से दूर नहीं होने दिया। उनके लिए ’मन की बात’ कार्यक्रम ईश्वर रूपी जनता जनार्दन तक आध्यात्मिक यात्रा है, जो स्व से वयम् तक जाती है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में जिन लोगों का जिक्र उन्होंने किया है, वे समाज के हीरो हैं। उन्होंने सौवीं कड़ी के दौरान ऐसे कुछ लोगों से फिर से बात की, जिनको वे उनके विशिष्ट कार्यों के लिए पहले की कड़ियों में सामने ला चुके थे। उन्होंने सेल्फी विद डॉटर्स अभियान की प्रेरणा बने
हरियाणा के श्री सुनील जगलान, जम्मू -कश्मीर के पेंसिल स्लेट व्यवसायी श्री मंजूर अहमद, हिमालय की सफाई के लिए काम कर रहे श्री प्रदीप और मणिपुर की विजय शांति से बात कर जाना कि ’मन की बात’ में आने के बाद उनके कार्य को कितनी गति मिली है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यूनेस्को महानिदेशक का संदेश कार्यक्रम में प्रसारित किए जाने के बाद बताया कि शिक्षा और संस्कृति संरक्षण भारत की प्राचीन परम्परा का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति और शिक्षा में तकनीकी अनुप्रयोगों को अपना कर इसे गति प्रदान की गई है । उन्होंने नागरिकों से विदेश यात्रा से पहले देशी पर्यटन स्थलों पर जाने का आह्वान भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्दराम जायसवाल, पीआईबी जयपुर की अपर महानिदेशक श्रीमती ऋतु शुक्ला, आकाशवाणी के केन्द्रध्यक्ष श्री मयंक कुमार और दूरदर्शन के केन्द्राध्यक्ष श्री सतीश देपाल सहित प्रसार भारती के अधिकारी-कर्मचारियों सहित गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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