1 लाख ने देखा मेला 1 हजार कलाकारों का अशोक उद्यान में छा गए देश दुनिया में

एक लाख दर्शकों को आनंदित कर गया राष्ट्रीय लोकानुरंजन मेला –

जोधपुर 21 फरवरी l
मंचीय कलाओं के प्रदर्शन में दर्शकों की भागीदारी का जोधपुर में इतिहास रचने व नया कीर्तिमान बनाने वाला कलाकारों के लोक महाकुंभ के रूप में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का तीन दिवसीय लोकानुरंजन मेला 20 फ़रवरी की रात को जोधपुर के अशोक उद्यान में अपने सुहाने लोकरंग बिखेरने के साथ हर्षोल्लास से संपन्न हो गया l पहली बार अशोक उद्यान के खुले प्रांगण व ओपन एयर थिएटर में आयोजित हुए लोकानुरंजन के सिल्वर जुबली मौके पर उमड़े हुए दर्शकों के सैलाब और देश के लोक कलाकारों के बीच अपनापन और अंतरंगता देखते ही बन रही थी l दर्शकों ने कलाकारों के साथ जहां जमकर ठुमके लगाए वहीं सेल्फी और साथ फोटो खिंचवाने की होड़ सी दिखाई दी। अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश ने बताया कि तीन दिन में लगभग एक लाख दर्शकों ने मेले का लुत्फ़ उठाया तथा यह महोत्सव जोधपुर वासियों के दिल में अमिट छाप छोड़ गया है l 15 राज्यों के 1018 कलाकारों द्वारा अपनी बहुमुखी प्रतिभा से सांस्कृतिक भारत व खुशहाल राजस्थान का जो दृश्य प्रस्तुत किया गया उससे लोग हर्षित और गर्वित हुए है l मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा प्रारंभ किए गये इस मेंले के अंतिम दिन राज्य मंत्री और राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा इस मेले के प्रारूपकार रमेश बोराणा ने अतिथि कलाकार दलों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये तथा अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश मालू ने सभी का आभार व्यक्त किया l इस अवसर पर जेडीए आयुक्त नवनीत कुमार का सहभागिता हेतु अभिनंदन किया गया तथा सृजनात्मक सहयोग हेतु पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर, उतर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज , उतर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला का धन्यवाद ज्ञापित किया l

कार्यक्रम समाप्ति के बाद खचाखच भरे ओपन एयर थिएटर के दर्शक अपनी जगह खड़े होग्ये और अपने मोबाइल की बतियें जला कर माँग करने लगे कि ये मेला आगे से प्रतिवर्ष यहीं आयोजित होना चाहिए l अकादमी अध्यक्ष ने दर्शकों के दबाव का सम्मान करते हुए आश्वस्त किया वे हर संभव प्रयास करेगी कि यहाँ निरन्तर विविध आयोजन होती रहे lकार्यक्रम में अकादमी कोषाध्यक्ष रमेश भाटी, सचिव सूरज मल राव सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे l मेला प्रभारी रमेश कन्दोई ,अरुण पुरोहित व अरुण सिंह ने बेहतरीन व्यवस्थाएँ की वहीं अरु पुरोहित ने मंच प्रबंधन सम्भाला तथा विलास जानवे, प्रमोद सिंघल व कविता पवार ने सुरुचिपूर्ण उद्घोषणा से सबको बंधे रखा ।

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