इस परियोजना से क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। निर्माण चरण के दौरान, परियोजना से निर्माण उद्योग, मैकेनिकल फैब्रिकेशन दुकानों, मशनिंग तथा असेंबली इकाइयों क्रेन, ट्रेलरों, जेसीबी आदि जैसे भारी उपकरणों की आपूर्ति, परिवहन एवं आतिथ्य उद्योग, ऑटोमोटिव स्पेयर्स एवं सेवाओं और सैंड ब्लास्टिंग तथा पेंटिंग दुकानों आदि के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
पेट्रोकैमिकल डाउनस्ट्रीम लघु उद्योग इंजेक्शन मोल्डिंग जैसे आरआरपी से पेट्रोकैमिकल फीडस्टाक का उपयोग करने के जरिये विकसित होंगे जैसेकि : फर्नीचर के लिए, क्रॉकरी, स्टोरेज टैंक, बल्क कंटेनर्स, ऑटो मोल्डिंग, पैकेजिंग, चिकित्सा उपकरण, आदि; ब्लो मोल्डिंग: कंटेनर आदि के निर्माण के लिए: रोटोमोल्डिंग : पानी के टैंकों, कंटेनरों आदि; फिल्मस: सीमेंट बैग, रैपिंग मैटेरियल, एडेसिव टेप आदि तथा अन्य: टायर, फार्मास्यूटिकल, डिटरजेंट, परफ्यूम, इंक, नेल पालिश, पेंट थिनर्स आदि।
इससे रसायन, पेट्रोरसायन एपं संयंत्र उपकरण विनिर्माण जैसे प्रमुख डाउनस्ट्रीम उद्योगों का भी विकास होगा।
एचआरआरएल बुटाडाइन का उत्पादन करेगा, जो रबर विनिर्माण के लिए कच्चा माल है जिसका उपयोग मुख्य रूप से टायर उद्योग में किया जाता है। इससे ऑटोमोटिव उद्योग को गति मिलेगी। वर्तमान में, भारत लगभग 300 केपीटीए सिथेंटिक रबर का आयात कर रहा है। प्रमुख कच्चे माल बुटाडाइन की उपलब्धता के साथ सिथेंटिक रबर के आयात पर निर्भरता में भरी कमी आने की संभावना है। चूंकि भारत ऑटोमोटिव उद्योग में उच्च विकास पथ पर अग्रसर है, बुटाडाइन इस श्रेणी में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा