पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित किए जा रहे बृज होली महोत्सव के तीसरे दिन राजकीय संग्रहालय में टोंक जिले के निवाई के रामप्रसाद शर्मा के ग्रुप के कलाकारों का प्रस्तुत किया कच्छी घोढी नृत्य लोगों के मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा। राजस्थान अपनी अनूठी परम्पराओं एवं लोक संगीत एवं लोक नृत्यों के लिए पूरे देश में मशहूर है। राजस्थान के शेखावटी एवं ढूढांर क्षेत्र के प्रमुख लोक नृत्यों में शुमार कच्छी घोढी नृत्य की अपनी अलग ही पहचान है। जब शुक्रवार को निवाई के करीब 20 कलाकारों के ग्रुप के द्वारा राजस्थानी वाद्य यंत्रों के साथ कच्छी घोढी नृत्य की कला का प्रदर्शन किया तो एक बारगी राजकीय संग्रहालय घूमने आए सभी सैलानी वहां जमा हो गए। राजस्थानी परिधानों से सजे कलाकारों ने सबका अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर लिया। हर कोई इन कलाकारों की प्रस्तुति को देखने को मजबूर हो गया। बृज होली महोत्सव के अंतर्गत तीसरे दिन इन कलाकारों के द्वारा बृज के लोगों के बीच राजस्थानी कला का प्रदर्शन किया गया। रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि उनके ग्रुप के द्वारा चैन्नई, कोलकाता, गोआ, रायपुर सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ साथ विदेशा में राजस्थानी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी है। हर जगह लोगों का प्यार, सम्मान और उत्साहवर्धन मिलता है।