विधायक पूनिया पर बीकानेर संभाग के राजगढ़ (चूरू) थाने के तत्कालीन इंचार्ज विष्णुदत्त बिश्नोई को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है। सीबीआइ ने पूनिया पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए फाइनल रिपोर्ट एफआईआर लगा दी थी। जोधपुर की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले का फिर से संज्ञान लेने का निर्देश दिया है।
23 मई 2020 को राजगढ़ के तत्कालीन थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई ने सुसाइड कर लिया था। विष्णुदत्त के भाई संदीप बिश्नोई ने सादुलपुर विधायक व कांग्रेस नेता कृष्णा पूनिया पर परेशान करने का आरोप लगाया था। विष्णुदत्त के सुसाइड का जिम्मेदार कृष्णा पूनिया को बताते हुए संदीप ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
इस मामले की जांच पहले सी बी सीआईडी ने की थी। स्थानीय लोगों ने सीबीआई जांच सौंपने की मांग की। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया था। सीबीआई अपनी जांच में एफआर लगा दी थी। एफआर रिपोर्ट जोधपुर स्थित एसीएमएम सीबीआई में पेश की गई। यहां अदालत ने इस मामले की फिर से जांच के आदेश देते हुए एफआर को खारिज कर दिया। साथ ही, जमानती वारंट जारी करते हुए विधायक कृष्णा पूनिया को तलब किया था। लेकिन पूनिया ने सीबीआई सीजेएम कोर्ट के इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती देते हुए रिवीजन फाइल की। सेशन कोर्ट ने रिवीजन पर scst कोर्ट में सुनवाई भेज दी